शनिवार, 15 सितंबर 2012

ऐ मेरे दोस्त , दे मेरा साथ तू


ऐ  मेरे  दोस्त , दे  मेरा  साथ  तू 
समझे  ना  कोई, समझ मेरे  जज़्बात  तू 

तेरे  सहारे  मंजिल  पाना  चाहता  हूँ  मैं 
ना  घबरा  दुनियां  से , दे  हाथों  मे  हाथ  तू 

तेरी  यादों  को  दिल  से  मिटाऊं  भी  तो  कैसे ?
तू  ही  ज़िन्दगी  है, मेरा  हर  ख्यालात  तू 

अपनी  खुशबु  से  महका  दे  मेरा  आंगन 
शिकवा, शिकायत, ना  कर  कोई  सवालात  तू 

तेरे  प्यार  की  परछाई  हर  पल   साथ  मेरे 
मैं  सो  ना  सकूँ, सुना  दे  ऐसी  कोई  बात  तू 

तुझसे  दूर  रहकर, कभी  तनहा  महसूस  ना  करूँ 
"राज" को दे, अपनी  मोहब्बत  की  सौगात  तू  !!

शनिवार, 18 अगस्त 2012

हर हाथ में हथियार नज़र आता है

Meri new shayri,
Umeed hai aap sab ko zarur pasnd aayegi.
apni raai zarur deN.

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ना कोई दोस्त नज़र आता है 
ना कोई प्यार नज़र आता है 

अब तो कातिल है यहाँ हर कोई 
हर हाथ में हथियार नज़र आता है 


लुटा दूँ जिस पर अपनी सारी खुशियाँ
ऐसा ना कोई यार नज़र आता है 

अपनों के ज़ुल्म सहते-सहते थक गया हूँ 
कैसा संग-दिल संसार नज़र आता है 

औरत नुमाइश बन बिक रही है यहाँ 
चारों तरफ जिस्म का बाज़ार नज़र आता है 

ऐ “राज” क्यौ लहू के प्यासे हैं लोग 
हर कोई मरने-मारने को तैयार नज़र आता है !!

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Naa Koi dost nazar aata hai
Naa koi pyar nazar aata hai

Ab to katil hai yahaN hr koi
Hr haath meiN hatiyaar nazar aata hai

Lutaa duN jis pr apni saari khushiyaaN
Aesa na koi yaar nazar aata hai

Apno ke zulm sahte-sahte thak gaya huN
Kaesa saNg-dil saNsaar nazar aata hai

Aurat numaaish ban bik rahi hai yahaN
chaaroN taraf zism ka bazaar nazar aata hai

Ae “RAJ” kyou lahu ke pyaase haiN log
Hr koi marne-maarne ko taeyaar nazar aata hai !!

सोमवार, 23 जुलाई 2012

एक दिन इस दुनियाँ से, यूँ ही चला जाएगा राज

एक दिन इस दुनियाँ से, यूँ ही चला जाएगा राज 
अपने पीछे एक दुनियाँ, छोड़ जाएगा राज 

अपनी साँसें भी जब साथ छोड़ जाएंगी 
मेरी धडकनें भी मुझसे मुंह मोड़ जाएंगी 
फिर खुद की दुनियाँ, खुद ही सजाएगा राज 
एक दिन इस दुनियाँ से, यूँ ही चला जाएगा राज  

गैरों से क्या शिकवा, अपने ही बेवफा है 
शायद अपनों से प्यार करने की यही सजा है 
अब ना किसी के आगे अपने हाथ फैलाएगा राज  
एक दिन इस दुनियाँ से, यूँ ही चला जाएगा राज  

सूनी थी हर दिवाली मेरी, सूनी थी होली 
ज़माने ने इस कदर भरी, ग़मों से मेरी झोली  
छोड़ खुशियों को, ग़मों को अपना बनाएगा राज 

एक दिन इस दुनियाँ से, यूँ ही चला जाएगा राज 

ना जलाना, ना दफनाना, ना बहाना मुझे यारों  
हो सके तो अपने दिल के किसी कोने में बसाना यारों 
ना जाने कहाँ जाकर, दुनियाँ नयी बसाएगा राज 
एक दिन इस दुनियाँ से, यूँ ही चला जाएगा राज !!