सोमवार, 23 सितंबर 2013

दोस्तों, मेरे देश का ये क्या हाल हो रहा है ?


दोस्तों, मेरे देश का ये 

क्या हाल हो रहा है ?
देखो हर रोज़ यहाँ
क्या-क्या कमाल हो रहा है ?

गंदी राजनीति ने अपने
देश को डूबो दिया है
विदेशों में जमा है काला धन
अपना देश कंगाल हो रहा है

कभी काटे जाते हैं जवानों के सिर
कभी मारी जाती हैं गोलियां
कभी हर दिन, कभी महीने में
कभी ये हर साल हो रहा है

सरेआम एक मासूम बेटी की
इज्ज़त तक लूट ली जाती है
अब तो घर से अकेले
निकलना भी मुहाल हो रहा है

मंहगाई ने गरीबों के
मुंह से रोटी छीन ली है
इस मंहगाई से लड़ना भी
सरकार के लिए सवाल हो रहा है

धर्म-मजहब के नाम पर
तोड़ा जाता है देश को
पता नही क्या सच है ? "राज"
क्या झूठ, जी का जंजाल हो रहा है !!