गुरुवार, 3 दिसंबर 2015

ग़मों के दौर तो आते जाते रहेंगें.......

गर हँसने वाले यूँही हँसाते रहेंगे
हम उम्रभर यूँही मुस्कुराते रहेंगें

चाहने वालों की कमी नही है
चाहने वाले तुझे चाहते रहेंगें

ये वादा है सदा हम साथ हैं तेरे
खुदा कसम ये वादा निभाते रहेंगें

सुबह शाम दुआ सलाम होती रहे
इन ख़्वाबों को हम भी सजाते रहेंगें

मामूली ज़ख्मों से ना घबराया कर
ग़मों के दौर तो आते जाते रहेंगें

दुनियाँ की ना परवाह किया कर
देख तेरी बुलंदी वो घबराते रहेंगें

तेरे आँगन में रहे खुशियाँ सदा
ईश्वर के घर दीप जलाते रहेंगें