मंगलवार, 1 मार्च 2016

देश के गद्दारों को सबक सिखाना होगा

देश के गद्दारों को सबक सिखाना होगा
लगता है हमें भी हथियार उठाना होगा

जो सदा आँख मिलाने से भी डरते हैं
वो भारत की बर्बादी की बात करते हैं 
किसमें दम है जो भारत के टुकड़े करे 
अब आखिर कब्र में उनका ठिकाना होगा 
देश के गद्दारों को सबक सिखाना होगा
लगता है हमें भी हथियार उठाना होगा

देश का खाते हो देश से ही जलते हो
देश के ख़िलाफ़ चालें तुम चलते हो
क़साब, जैसे ये आतंकवादी आका तुम्हारे 
तुम्हे भी कसाब के पास पहुंचाना होगा
देश के गद्दारों को सबक सिखाना होगा
लगता है हमें भी हथियार उठाना होगा

हर बार, बार-बार मुँह की खानी पड़ेगी
ये बात तुम्हे कितनी बार बतानी पड़ेगी
हर बार ईंट का जवाब पत्थर से देंगे हम 
तुम्हे तुम्हारी भाषा में ही समझाना होगा 
देश के गद्दारों को सबक सिखाना होगा
लगता है हमें भी हथियार उठाना होगा

आखिर क्यों अपनी अौकात दिखाते हो ?
क्यों तुम चंद सिक्कों में बिक जाते हो ?
आज यहाँ कल वहाँ दंगा करवाते हो 
अब, इस आग में तुम्हे भी जलाना होगा 
देश के गद्दारों को सबक सिखाना होगा
लगता है हमें भी हथियार उठाना होगा
©®राजीव शर्मा "राज"
लुधियाना