शनिवार, 15 मई 2010

ख्वाब

निगाहों को निगाहों से मिला तो सही
हमें भी इस दिल में कभी बसा तो सही

कर देगें आपके हर ख्वाब को हम पूरा
कभी अपने ख्वाबों में हमें बुला तो सही

तेरे आगोश में आकर दिल को सुकून सा मिलता है
अपने हाथों से मेरे ज़ख्मों पर मरहम लगा तो सही

मोहब्बत कितनी है इस दिल में तेरे लिए
मेरी मोहब्बत को कभी आजमा तो सही

अपने प्यार की हवाओं को आने दे मुझ तक
अपनी चाहतों के बादल कभी बरसा तो सही

मेरी जान बनकर होंटों की मुस्कान बनकर
अपनी महकती खुशबूं से "राज" का जीवन महका तो सही !!