बुधवार, 23 नवंबर 2011

मेरी हर ग़ज़ल तू है ...

मेरा दिल तू है
मेरी हर ग़ज़ल तू है
रोशन है तुझसे मेरी दुनिया
मेरी हर महफ़िल तू है
मेरा मरहम तू है
मेरी नज़्म तू है
हूँ प्यासा तेरी चाहत का
मेरा हमदम तू है
दिल का राज तू है
मेरा हर साज़ तू है
लबों से गुनगुना सकूँ जिसे
मेरी वो आवाज़ तू है
मेरा तन-मन तू है
मेरी धड़कन तू है
निहार सकूँ जिसे हर पल
"राज" का दर्पण तू है !!